Bihar CM Nitish Kumar: बिहार में प्रस्तावित और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे और हाईवे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते गुरुवार (19 सितंबर) को एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में बड़ी बैठक की. बिहार राज्य में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे/हाईवे गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया, पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड और आमस-दरभंगा पथ से बोधगया/राजगीर को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा की.
इस बैठक में मुख्य सचिव की ओर से मुख्यमंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि इन चार प्रमुख परियोजनाओं के तहत 1,575 किमी एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर 84 हजार 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें बिहार में पथों की लंबाई 1,063 किमी होगी और इस पर 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बता दें कि अभी राज्य के किसी भी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने के लिए पथों का नेटवर्क विकसित किया गया है. अगले पांच सालों में राज्य के किसी भी कोने से महज चार घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत राज्य में नए एक्सप्रेसवे/हाईवे के निर्माण के लिए काम किया जा रहा है.
सभी एक्सप्रेसवे के बारे में एक-एक कर जानें
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: यह राज्य के आठ जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगा. कुल लंबाई 600 किमी होगी. इसमें बिहार राज्य में 415 किमी लंबा पथांश शामिल होगा. इसके लिए 100 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे: रक्सौल स्थित अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट से निकटतम बंदरगाह, हल्दिया से त्वरित संपर्कता प्रदान करने के लिए से इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है. इसकी कुल लंबाई 702 किमी है. इसमें बिहार राज्य में 367 किमी हिस्सा पड़ेगा. यह बिहार में पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से होकर गुजरेगा. इसके लिए 100 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से प्रारंभ होकर यह पथ पूर्णिया तक बनाया जाएगा. इसकी कुल लंबाई 250 किमी होगी. यह पथ सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया से होकर गुजरेगा. इसके लिए 100 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
वहीं आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पथ से बोधगया/राजगीर के संपर्क के लिए चार लेन स्पर का निर्माण किया जाना है. इसके लिए 45 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
भू-अर्जन के काम को ठीक ढंग से कराने का निर्देश
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में आवागमन को और गति मिलेगी. लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर आने-जाने में समय की काफी बचत होगी. 2005 में सरकार में आने के बाद से आवागमन को बेहतर करने के लिए सड़कों एवं पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया. उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के लिए भू-अर्जन का काम ठीक ढंग से ससमय सुनिश्चित कराएं. इस कार्य में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
यह भी पढ़ें- नवादा अग्निकांड में 15 गिरफ्तार, 3 कट्टा और खोखा जब्त, अब CM नीतीश कुमार ने ले लिया बड़ा एक्शन
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इस बैठक में मुख्य सचिव की ओर से मुख्यमंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया गया कि इन चार प्रमुख परियोजनाओं के तहत 1,575 किमी एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर 84 हजार 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें बिहार में पथों की लंबाई 1,063 किमी होगी और इस पर 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बता दें कि अभी राज्य के किसी भी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने के लिए पथों का नेटवर्क विकसित किया गया है. अगले पांच सालों में राज्य के किसी भी कोने से महज चार घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत राज्य में नए एक्सप्रेसवे/हाईवे के निर्माण के लिए काम किया जा रहा है.
सभी एक्सप्रेसवे के बारे में एक-एक कर जानें
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: यह राज्य के आठ जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगा. कुल लंबाई 600 किमी होगी. इसमें बिहार राज्य में 415 किमी लंबा पथांश शामिल होगा. इसके लिए 100 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे: रक्सौल स्थित अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट से निकटतम बंदरगाह, हल्दिया से त्वरित संपर्कता प्रदान करने के लिए से इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है. इसकी कुल लंबाई 702 किमी है. इसमें बिहार राज्य में 367 किमी हिस्सा पड़ेगा. यह बिहार में पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से होकर गुजरेगा. इसके लिए 100 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से प्रारंभ होकर यह पथ पूर्णिया तक बनाया जाएगा. इसकी कुल लंबाई 250 किमी होगी. यह पथ सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया से होकर गुजरेगा. इसके लिए 100 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
वहीं आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पथ से बोधगया/राजगीर के संपर्क के लिए चार लेन स्पर का निर्माण किया जाना है. इसके लिए 45 मी. चौड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है.
भू-अर्जन के काम को ठीक ढंग से कराने का निर्देश
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में आवागमन को और गति मिलेगी. लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर आने-जाने में समय की काफी बचत होगी. 2005 में सरकार में आने के बाद से आवागमन को बेहतर करने के लिए सड़कों एवं पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया. उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के लिए भू-अर्जन का काम ठीक ढंग से ससमय सुनिश्चित कराएं. इस कार्य में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
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Reviewed by 24×7 Bharat Express Live
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September 19, 2024
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